चौरासी महादेव दर्शन यात्रा अधिकतर श्रावण मास और अधिक मास में की जाती है। हालांकि, जब भी समय मिले, इस यात्रा का लाभ लिया जा सकता है — क्योंकि देव दर्शन का कोई निश्चित समय नहीं होता।
चौरासी महादेव, महाकाल वन के अलावा महाकाल कुण्ड के चारों ओर स्थित हैं, और कुछ रामघाट पर स्थित पिशाचमुक्तेश्वर मंदिर के बाहर पत्थर की शीला पर बने हुए हैं।
🕉 पूजापाठ सामग्री
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जल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर मिश्रित)
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कुंकू, अक्षत, चंदन, फूल-बत्ती, प्रसाद
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दीपक, अगरबत्ती, जनेऊ, भेंट
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अबीर, गुलाल, गणपति बनाने हेतु खड़ी सुपारी, नाड़ा आदि
दर्शन क्रमवार अथवा क्षेत्रवार किसी भी विधि से किए जा सकते हैं।
परंपरा के अनुसार — प्रथम दर्शन और अंतिम दर्शन अगस्तेश्वर महादेव के करने चाहिए।
चौरासी महादेव के क्षेत्रवार संख्या समूह
🔹 हरसिद्धि क्षेत्र
1, 10, 12, 69, 715
🔹 नदीघाट क्षेत्र
2, 3, 4, 6, 68, 766
🔹 महाकाल वन
5, 7, 72, 804
🔹 गंधर्वघाट (नदी पार)
13, 21, 70, 49, 66, 67
🔹 अनंत पेठ (श्मशान)
8, 26, 33, 354
(अ) ढाबा रोड – 46, 482
(ब) खटिकवाड़ा – 22, 51, 52, 53, 65
🔹 कार्तिक चौक (सिंहपुरी)
14, 56, 57, 62, 77, 786
🔹 मोदी की गली एवं सुगंधी गली
15, 16, 17, 184
🔹 नागनाथ व भागसीपुरा
19, 20, 50, 47
🔹 खत्रीवाड़ा
24, 25, 59, 61
🔹 सराफा एवं पिंजारवाड़ी
23, 29, 633
🔹 नलिया बाखल व डाबरी
9, 47
🔹 तिलकेश्वर व जानसापुरा
58, 63, 64
🔹 नामदारपुरा (नयापुरा)
451
🔹 पिपलीनाका एवं गढ़कालिका
54, 55, 793
🔹 भेरूगढ़ (सिद्धनाथ)
11, 34, 41, 73, 755
🔹 मंगलनाथ क्षेत्र
42, 43, 44
🔹 अंकपात
28, 30, 36, 37, 38, 39, 407
🔹 मकोडिया आम व खिलचीपुर
27, 31, 323
🔹 ग्रामीण क्षेत्र
81, 82, 83, 84
