उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के निकट हरसिद्धि मार्ग पर स्थित यह प्रसिद्ध मंदिर भगवान गणेश जी को समर्पित है। यहाँ विराजित “बड़े गणेशजी” की विशाल और अद्भुत प्रतिमा ही इस मंदिर की पहचान है।
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर में प्रतिष्ठित गणेश जी की मूर्ति अत्यंत भव्य, कलापूर्ण और विशाल है, जिसके कारण इन्हें “बड़े गणेशजी” कहा जाता है। यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊँची गणेश मूर्तियों में से एक मानी जाती है।
इस प्रतिमा का निर्माण पंडित नारायणजी व्यास के अथक प्रयासों से संभव हुआ था।
निर्माण की अनोखी विधि
इस विशाल प्रतिमा का निर्माण ईंट, चूना, बालू और रेत से किया गया है — इसमें सीमेंट का प्रयोग नहीं हुआ।
और भी विशेष बात यह है कि निर्माण सामग्री में गुड़, मेथीदाना, तथा सात मोक्षपुरियों —
मथुरा, अयोध्या, माया, कांची, उज्जैन, काशी और द्वारका — से लाई गई मिट्टी और पवित्र तीर्थों का जल मिलाया गया था।
इस प्रतिमा के निर्माण में लगभग ढाई वर्ष का समय लगा, जिसके बाद यह मूर्ति अपने विशाल और दिव्य रूप में प्रतिष्ठित हुई।
धार्मिक महत्व
बड़े गणेशजी मंदिर को श्रद्धालु मनोकामना पूर्ण करने वाले धाम के रूप में पूजते हैं।
मंदिर परिसर में सप्तधातु की पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति तथा नवग्रह मंदिर भी स्थित हैं।
भक्तों की मान्यता है कि यहाँ दर्शन करने से सभी बाधाएँ दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि एवं सफलता प्राप्त होती है।
त्योहार और श्रद्धा
गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
देशभर से श्रद्धालु यहाँ आकर दर्शन करते हैं, और इस प्रतिमा की विशालता व भव्यता से अभिभूत हो जाते हैं।
